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 🙏 श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025: तिथि, समय, पूजा विधि व महत्व | सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में



श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025 झांकी फोटो

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 मुख्य जानकारी एक नजर में


            विषय                                                                               विवरण


             पर्व का नाम                                                                             श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025 
               दिनांक                                                                                  शनिवार, 16 अगस्त 2025 
       अष्टमी तिथि प्रारंभ                                                              15 अगस्त 2025, रात 11:49 बजे 
       अष्टमी तिथि समाप्त                                                           16 अगस्त 2025, रात 9:34 बजे  
      निशीथ पूजा मुहूर्त                                                           16 अगस्त, रात 12:04 से 12:47 बजे तक 
 व्रत का परायण (व्रत खोलना)                                                        16 अगस्त रात 9:34 बजे के बाद
             नक्षत्र                                                                                रोहिणी नक्षत्र (17 अगस्त से प्रारंभ) 




परिचय: क्यों मनाते हैं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी?

 श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के अवतरण का पर्व है, जो भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। यह दिन पूरे भारतवर्ष में श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

श्रीकृष्ण को विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। वे गीता उपदेशक, रासलीला नायक, गोवर्धन उठाने वाले, माखनचोर और धर्म-संस्थापक हैं। इस दिन उनके जन्म का महोत्सव मनाना हर भक्त का सौभाग्य होता है।



जनमाष्टमी 2025 की तिथि व समय

📅 जन्माष्टमी कब है?

  • वर्ष 2025 में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व शनिवार, 16 अगस्त को मनाया जाएगा।

  • कुछ पंचांग 15 अगस्त को अष्टमी मानते हैं, परंतु निशीथ काल (मध्यरात्रि) की पूजा 16 अगस्त को होगी, इसी दिन उपवास व उत्सव आयोजित होंगे।

🕯 अष्टमी तिथि और पूजा मुहूर्त:

  • अष्टमी तिथि प्रारंभ: 15 अगस्त, रात 11:49 बजे

  • अष्टमी तिथि समाप्त: 16 अगस्त, रात 9:34 बजे

  • निशीथ पूजा का समय: 16 अगस्त की रात 12:04 बजे से 12:47 बजे तक (43 मिनट)

   


🛐 पूजा विधि (Puja Vidhi)

🌸 कैसे करें जन्माष्टमी की पूजा?

  1. निर्जला व्रत रखें – बिना जल व अन्न के उपवास रखें (यदि स्वास्थ्य अनुमति दे)।

  2. मंदिर या घर में श्रीकृष्ण की बाल रूप प्रतिमा स्थापित करें।

  3. प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं, वस्त्र पहनाएं और झूले में बिठाएं।

  4. माखन-मिश्री, फल, ताजा मक्खन, तूलसी पत्र, दूध आदि अर्पित करें।

  5. रात 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म के समय 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र से पूजा करें।

  6. भजन-कीर्तन, श्रीकृष्ण कथा, रासलीला आदि करें।

  7. अंत में आरती करें और प्रसाद वितरण करें।

🎉 उत्सव की परंपराएं व आयोजन

📌 भारत में कैसे मनाते हैं जन्माष्टमी?

🔹 उत्तर भारत में:

  • मथुरा, वृंदावन और द्वारका में यह पर्व अत्यंत भव्यता से मनाया जाता है।

  • झांकियां, रासलीला, मंदिर सजावट, भजन संध्या आदि आयोजित होते हैं।

🔹 महाराष्ट्र व गुजरात में:

  • दही हांडी विशेष आकर्षण होती है।

  • गोविंदा मंडलियां मानव पिरामिड बनाकर ऊँचाई पर टंगी मटकी फोड़ती हैं।

🔹 दक्षिण भारत में:

  • घरों में रंगोली, दीप सज्जा, फूलों से मंडप और मक्खन-मिश्री का भोग अर्पण होता है।

धार्मिक महत्व व आध्यात्मिक लाभ

  • यह दिन हमें धर्म की स्थापना, अधर्म के विनाश, और कर्म की प्रधानता का स्मरण कराता है।

  • श्रीकृष्ण की लीलाओं से हमें प्रेम, करुणा, विवेक और नीति की शिक्षा मिलती है।

व्रत के नियम (Janmashtami Vrat Rules)

  1. व्रती को अष्टमी तिथि का पालन करना चाहिए।

  2. रात्रि 12 बजे तक निर्जला उपवास करें।

  3. सात्विक आहार ही करें (फल, दूध, मखाने, साबूदाना आदि)।

  4. रात्रि पूजा के पश्चात ही अन्न ग्रहण करें।

📿 उपयोगी मंत्र और आरती

श्री कृष्ण मंत्र:

“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”
इस मंत्र का 108 बार जप करें।

आरती:

“आरती कुंजबिहारी की…”
आरती करते समय दीपक, घंटी और पुष्प का प्रयोग करें।


🧾 महत्वपूर्ण सुझाव (Tips)

  • घर पर झूला सजाकर छोटे बच्चों को कृष्ण के रूप में सजाएं।

  • बच्चों के लिए बाल लीलाएं, खेल और भजन प्रतियोगिताएं रखें।

  • परिवार सहित कथा श्रवण करें और धर्म चर्चा करें।


🙏 निष्कर्ष

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025 का पर्व भक्ति, प्रेम और उत्सव का अद्भुत संगम है। इस दिन को पूरे हर्षोल्लास से मनाइए, श्रीकृष्ण की लीलाओं का स्मरण करें और उनके उपदेशों को जीवन में उतारें।

आपको और आपके परिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
जय श्रीकृष्ण!